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क्या आप जानते हैं अविषैले सांपों के बारे में? जानें उनके प्रकार और पारिस्थितिकीय महत्व!

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अविषैले सांपों का महत्व

Non-Venomous Snakes

Non-Venomous Snakes

अविषैले सांप: साँप हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। बारिश के मौसम में, कई सांप जो ज़मीन के नीचे छिपे होते हैं, बाहर निकल आते हैं। आमतौर पर लोग मानते हैं कि सभी साँप खतरनाक होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विश्व में लगभग 70% सांप अविषैले होते हैं? ये सांप मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं होते, लेकिन प्राकृतिक संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। विभिन्न प्रकार के अविषैले सांप कीड़ों और छोटे जीवों को नियंत्रित करके हमारे पर्यावरण को स्वस्थ बनाए रखते हैं। इस लेख में, हम अविषैले सांपों के विभिन्न प्रकार, उनकी जीवनशैली, आहार, निवास स्थान और मानव जीवन में उनके महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।


प्रमुख अविषैले सांपों की सूची भारतीय रैट स्नेक (Ptyas mucosa)


भारतीय रैट स्नेक, जिसे 'चेरा' या 'धामन' भी कहा जाता है, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। यह सांप विषहीन है और इंसानों के लिए खतरा नहीं है। यह मुख्य रूप से चूहों और छोटे जीवों का शिकार करता है, जिससे यह किसानों के लिए लाभकारी होता है। इसकी लंबाई 6 से 8 फीट तक हो सकती है और यह आमतौर पर मानव बस्तियों के निकट पाया जाता है। यह तेज़ी से रेंगता है और सामान्यतः शांत रहता है, लेकिन खतरे की स्थिति में सतर्क हो जाता है। इसे सुरक्षित और उपयोगी सांप माना जाता है।


हॉगनोज़ स्नेक (Heterodon) हॉगनोज़ स्नेक - उत्तरी अमेरिका

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हॉगनोज़ स्नेक उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है और इसकी विशेषता इसके ऊपर की ओर मुड़े नथुने हैं। यह नथुना जमीन खोदने में सहायक होता है। जब यह खतरे में होता है, तो यह अपने शरीर को फैलाकर बड़ा दिखने की कोशिश करता है और तेज़ फुफकारता है। यदि यह चाल काम नहीं करती, तो यह 'मृत होने' का नाटक करता है, जिससे यह शिकारियों से बच जाता है।


इंडिगो स्नेक (Drymarchon couperi) इंडिगो स्नेक - उत्तरी अमेरिका

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इंडिगो स्नेक, जिसे पूर्वी इंडिगो स्नेक भी कहा जाता है, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में पाया जाता है, विशेषकर फ्लोरिडा और जॉर्जिया में। इसका रंग नीला-श्याम होता है और कभी-कभी सिर या ठोड़ी पर लाल या नारंगी रंग भी दिखाई देता है। यह अमेरिका का सबसे लंबा देशी सांप है, जिसकी लंबाई 2 से 2.5 मीटर तक हो सकती है। यह भी विषहीन है और आमतौर पर शांत रहता है। यह अन्य सांपों, यहां तक कि विषैले सांपों का भी शिकार करता है। इसके आहार में छोटे स्तनधारी, पक्षी, मेंढक, कछुए और छोटे अलिगेटर शामिल हैं।


मिल्क स्नेक (Lampropeltis triangulum) मिल्क स्नेक - उत्तरी अमेरिका

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मिल्क स्नेक, जिसे 'दूध साँप' भी कहा जाता है, कोराल स्नेक के समान रंग दिखाता है जिसमें लाल, काले और पीले छल्ले होते हैं। यह पूरी तरह से विषहीन है और मुख्य रूप से छोटे सांप, छिपकली और अंडों का शिकार करता है। इसका नाम 'दूध साँप' इसलिए पड़ा क्योंकि पहले लोग मानते थे कि यह दूध पीता है। यह सांप उत्तर और मध्य अमेरिका के मैदानी और चट्टानी क्षेत्रों में पाया जाता है।


स्नेल-ईटिंग स्नेक (Pareas niger) स्नेल-ईटिंग स्नेक - चीन

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स्नेल-ईटिंग स्नेक, जिसे ब्लैक स्नेल-ईटिंग स्नेक भी कहा जाता है, चीन के युन्नान क्षेत्र में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से घोंघों का शिकार करता है। इसकी पतली और संकरी शरीर रचना इसे घोंघों के खोल में घुसकर उन्हें खाने में मदद करती है। यह भी विषहीन है और खासकर घोंघों और स्लग्स के लिए अनुकूलित है। इसका रंग आमतौर पर काला या गहरा होता है।


लायोटोरिंक्स डियादेमा (Lytorhynchus diadema) लायोटोरिंक्स डियादेमा - मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका

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लायोटोरिंक्स डियादेमा, जिसे क्राउनड लीफनोज़ स्नेक या डियाडेम स्नेक भी कहा जाता है, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के सूखे क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी लंबाई लगभग 30 से 50 सेंटीमीटर होती है। इसका सिर तिकोना और नथुना नुकीला होता है, जिससे इसे 'लीफनोज़' या 'क्राउनड' कहा जाता है। इसका रंग सफेद या पीले-संतरी जैसा होता है और शरीर पर काले या भूरे धब्बे होते हैं। यह भी विषहीन है और मुख्य रूप से छिपकलियों और कीड़ों का शिकार करता है।


रबर बोआ (Charina bottae) रबर बोआ - उत्तरी अमेरिका

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रबर बोआ, जिसे बोटा स्नेक या नॉर्दर्न रबर बोआ भी कहा जाता है, उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में पाया जाता है। इसकी त्वचा चिकनी और मुलायम होती है, जिससे यह चमकीला दिखता है। यह छोटा और विषहीन बोआ सांप है, जिसकी लंबाई आमतौर पर 38 से 84 सेंटीमीटर होती है। यह मुख्य रूप से छोटे स्तनधारियों जैसे चूहों और मेंढकों का शिकार करता है। यह ठंडी और नमीयुक्त जगहों को पसंद करता है और घास, जंगल, पहाड़ियों और चट्टानों के बीच पाया जाता है।


गैर विषैले सांपों का पारिस्थितिकीय महत्व गैर विषैले सांपों का पारिस्थितिकीय महत्व

गैर विषैले सांप हमारे पर्यावरण में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये कीटों, छोटे जानवरों और अन्य जीवों का शिकार करके उनकी संख्या को नियंत्रित करते हैं, जिससे फसलों को नुकसान से बचाया जा सकता है। ये प्राकृतिक कीट नियंत्रण में भी मदद करते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखते हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय रैट स्नेक इंसानी बस्तियों के निकट रहकर चूहों की संख्या को कम करता है, जो किसानों के लिए लाभकारी होता है।


गैर विषैले सांपों की विशेषताएँ गैर विषैले सांपों की विशेषताएँ

आकार और शरीर रचना - गैर विषैले सांप आमतौर पर छोटे से लेकर मध्यम आकार के होते हैं। उनका शरीर लचीला और बेलनाकार होता है, जिससे वे आसानी से चल सकते हैं और विभिन्न स्थानों में छिप सकते हैं। कुछ बड़े सांप भी होते हैं, जैसे पाइथन।

रंग और पैटर्न - इनके शरीर पर विभिन्न रंग और पैटर्न होते हैं, जो उन्हें जंगल या जमीन में छिपने में मदद करते हैं। कुछ सांपों पर धारियाँ, धब्बे या छायांकित रंग होते हैं, जो उनके पर्यावरण से मेल खाते हैं।

आहार - अधिकांश गैर विषैले सांप मांसाहारी होते हैं। ये छोटे जीव-जंतु जैसे कीड़े, मेंढक, छिपकली, छोटे स्तनधारी, पक्षी और घोंघे खाते हैं। कुछ सांपों का भोजन विशेष रूप से कीट या घोंघों पर केंद्रित होता है।

प्रजनन - अधिकतर गैर विषैले सांप अंडे देते हैं और उनके बच्चे जन्म के बाद खुद ही स्वतंत्र हो जाते हैं। माता-पिता उन्हें नहीं पालते। कुछ प्रजातियाँ अंदर से जीवित शिशु जन्म देती हैं।


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